बेहद ही खूबसूरत और सुरीली आवाज का महा संगम थी नूर। नूरजहां का असली नाम अल्लाह राखी वसाई था। सात दशक तक अपनी आवाज से सबको दीवाना बनाने वाली नूरजहां को पाकिस्तान का मल्लिका ए तरुन्नम का ख़िताब मिला। 1926, 21 सितंबर को पैदा हुईं नूरजहां ने 23 दिसंबर 2000 को अपनी आखिरी सांस ली थी। 23 दिसंबर नूरजहां की जयंती के रूप में मनाई जाती है। सब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो नूरजहां पाकिस्तान चली गयी पाकिस्तान जाने से पहले वह भारत की एक मसूर सिंगर हुआ करती थी। एक समय पर नूरजहां ने मसूर बनने तथा महान बनने के लिए बहुत मेहनत की थी और अपनी एक अलग ज़िन्दगी जिया करती थी। इनकी लाइफ में बहुत से उतार चढ़ाव आए। नूरजहां ने शादी की तलाक लिए प्रेम बंधन बनाये अंतिम समय में नूरजहां की ज़िन्दगी बहुत ही तकलीफो में ग़ुज़री।
एक इंटरव्यू में नूरजहां की दोस्त ने बताया कि जब भी नूरजहां गाना रिकॉर्ड किया करती थी तो उस गाने में अपना मन,तन,और रूह सब झोक देती थी।
बटवारे के बाद नूरजहां पाकिस्तान चली गयी और वह जाकर उनकी गायकी को एक अलग पहचान मिली और नयी बुलंदियों को छुआ। नज़र मोहम्मद और नूरजहां के किस्से तो सब ही जानते हैं। बता दें कि पाकिस्तान के टेस्ट क्रिकेटर नज़र मोहम्मद का टेस्ट करियर नूरजहां की वजह से स्टार्ट होने से पहले ही खत्म हो गया। कहा जाता है की उनके पति ने मोहम्मद और नूरजहां को एक साथ एक कमरे में रंगे हाथों पकड़ा था और उसी समय नज़र मोहम्मद ने खिड़की से छलांग मर ली थी जिसके कारण उनका हाथ टूट गया और अपना क्रिकेट टेस्ट करियर छोड़ना पड़ा ।
जब पहली बार नूरजहां को दिल का दौरा पड़ा था तो पाकिस्तान के नामी पत्रकार ने लिखा कि दौरा नूरजहां को पड़ता ही था। ना जाने कितने दावे दार थे नूरजहां के ! और पता नहीं उनका दिल कितनी बार किस-किस के लिए धड़का था ,उन लोगो पर जिन पर नूरजहां ने मुस्कुराने की इनायत की थी।